कछुआ दीर्घायु, स्थिरता और ज्ञान का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह शनि ग्रह से जुड़ा है, जो अपने अनुशासित और धैर्यवान स्वभाव के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कछुए को भवन के केंद्र में या पश्चिम दिशा में रखने से इन गुणों में वृद्धि होती है।

भवन के केंद्र को "ब्रह्मस्थान" माना जाता है, जो सबसे पवित्र और शक्तिशाली क्षेत्र है। ऐसा कहा जाता है कि यहां कछुआ रखने से केंद्र की ऊर्जा सक्रिय होती है और पूरे भवन में संतुलन और सद्भाव आता है।

पश्चिम दिशा शनि से जुड़ी है, जो धैर्य, दृढ़ता और सफलता का ग्रह है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में कछुआ रखने से इन गुणों को मजबूती मिलती है और आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

भवन के केंद्र या पश्चिम में कछुआ रखने के कुछ अतिरिक्त लाभ इस प्रकार हैं:

(१) यह आपके स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
(२) यह सौभाग्य और समृद्धि ला सकता है।
(३) यह आपके घर या कार्यस्थल में शांति और सद्भाव को बढ़ावा दे सकता है।
(४) यह आपके लक्ष्यों और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकता है।

यदि आप अपने भवन में कछुआ रखने पर विचार कर रहे हैं, तो सही प्रकार का कछुआ चुनना महत्वपूर्ण है। कई अलग-अलग प्रकार के कछुए उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने अद्वितीय लाभ हैं। आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कछुए को साफ और सम्मानजनक जगह पर रखें।

कुल मिलाकर, कछुआ एक शक्तिशाली प्रतीक है जो आपके जीवन में कई सकारात्मक लाभ ला सकता है। अपने भवन के केंद्र या पश्चिम में कछुआ रखकर, आप इन लाभों को बढ़ा सकते हैं और अधिक सामंजस्यपूर्ण और सफल वातावरण बना सकते हैं।

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