माघी पूर्णिमा: पुण्य और मोक्ष का मार्ग
माघी पूर्णिमा, जिसे माघ पूर्णिमा या महा माघी के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह पूर्णिमा माघ मास में आती है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार ग्यारहवां महीना है। यह दिन पवित्र स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
माघी पूर्णिमा का महत्व:
पवित्र स्नान: माघी पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। दान में अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल, घी आदि का दान किया जा सकता है।
धार्मिक अनुष्ठान: माघी पूर्णिमा के दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान जैसे कि पूजा, हवन, व्रत आदि किए जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और सत्यनारायण की कथा सुनना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
कल्पवास: प्रयागराज में माघ मेले के दौरान कल्पवास करने वाले लोग इस दिन गंगा स्नान करके अपने कल्पवास को पूरा करते हैं।
पौराणिक कथा:
माघी पूर्णिमा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। एक अन्य कथा के अनुसार, माघ महीने में स्नान करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।