In astrology, the second house is known as the 'Dhana Bhava' or 'House of Wealth.' This house represents our accumulated wealth, financial status, and family assets. It also influences our speech, manner of speaking, and dietary habits. The second house also reflects our relationships with family in early life. It represents our value system and how we perceive material resources. If auspicious planets are located in the second house, the individual benefits from wealth, property, and sweet speech. The presence of malefic planets can cause financial difficulties and speech-related problems. The second house also affects our sense of stability and security in life.




द्वितीय भाव में अगर शुभ ग्रह हों तो व्यक्ति स्पष्ट, मधुर और सच बोलने बाला होता है। वहीं अगर यहां पर कोई पाप ग्रह बैठ जाए तो व्यक्ति झूठ बालने वाला होता है।
सूर्य: जब द्वितीय भाव में सूर्य ग्रह हो तो व्यक्ति सच बोलने वाला होता है। इसकी वाणी प्रभावशाली होती है। ऐसे व्यक्ति की बात को हर कोई सुनता है। ऐसे लोगों की वाणी में अंहकार भी झलकता है और यह भी कहते दिखते है कि हम तो सच बोलते हैं सामने वाले को बुरा लगता तब हम क्या करें।
चंद्रमा: यह एक सौम्य ग्रह है। जब जन्मकुंडली के दूसरे भाव में चंद्रमा आ जाता है तो ऐसे व्यक्ति बहुत धीमे बोलते हैं। ऐसे लोग बहुत सोच समझकर बोलते हैं। इनकी वाणी में विनम्रता, मिठास होती है।
मंगल: द्वितीय भाव में मंगल ग्रह होने से व्यक्ति अच्छा वक्ता होता है। इनकी वाणी बहुत ही प्रभावशाली होती है। ऐसे व्यक्ति अच्छे प्रवक्ता होते हैं। इनकी वाणी में एक जोश होता है जो सामने वाले को प्रभावित करती है।
बुध: जन्मकुंडली के दूसरे भाव में बुध ग्रह होने से व्यक्ति की वाणी बहुत ही मधुर होती है। ऐसे लोग अच्छे गायक भी होते हैं। जिनकी कुंडली में बुध द्वितीय भाव में होता है ऐसे व्यक्ति गाने के शौकिन होते हैं। इनकी वाणी कानों को सुकुन देती है।
गुरू: यह ग्रह जब दूसरे भाव में बैठ जाए तो व्यक्ति की वाणी में गंभीरता होती है। ऐसे लोग बहुत सोच समझकर बोलते हैं। ऐसे लोग अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से दूसरों के सामने रखते हैं। ऐसे लोग अपनी बात को बड़ी अच्छी तरह से समझाते हैं। अगर अशुभ तब व्यक्ति झूठ बोलेगा और बृहस्पति शुभ होने पर कथा वाचक या ज्योतिषी।
शुक्र: द्वितीय भाव में शुक्र ग्रह होने से व्यक्ति की वाणी मधुर होती है। ऐसे लोग बात करते समय शब्दों के चयन पर बहुत ही ध्यान देते हैं। ऐसे व्यक्ति की वाणी भारी और रोबदार होती है।
शनि: शनि एक न्याय प्रिय ग्रह है. जब यह दूसरे भाव में विराजमान हो तो व्यक्ति की वाणी कठोर होती है। ऐसे व्यक्ति को जो कहना होता है वह स्थान और समय नहीं देखते। ऐसे लोग सच बोलने वाले होते हैं। इसलिए कभी कभी ऐसे लोगों को मुसीबत भी उठानी पड़ती है।
राहु-केतु: जन्मकुंडली के द्वितीय भाव में इनमें से कोई भी एक ग्रह हो तो व्यक्ति की वाणी में जल्दीबाजी दिखाई देगी। ऐसे व्यक्ति की वाणी में एक उतावलापन नजर आता है। ऐसे व्यक्तिओं की वाणी प्रभावशाली नहीं होती है। ऐसे व्यक्ति कभी कभी झूठ भी बोलने वाले होते हैं और ऐसे व्यक्ति से लोग उनकी वाणी के चलते दूर होने लगते हैं ।
फलित करते समय ग्रह के शुभ अशुभ का विचार हमेशा करें।

Second house astrology, Dhana Bhava, wealth astrology, speech astrology, family astrology, financial astrology, Vedic astrology, house of wealth, astrology houses, planet placements, astrology insights.

100% SECURE PAYMENT

100% secure payment
SSL
AstroSage verified astrologer
Visa & Master card
phonepe