कुलदीपक योग । Kuldeepak Yoga.
Kuldeepak Yoga in astrology is a special combination formed by the specific placement of planets in a birth chart. This yoga occurs when the lord of the ascendant and the lord of the fifth house are both strongly positioned and share a positive relationship. Individuals with Kuldeepak Yoga bring fame and honor to their family, are intelligent, prestigious, and respected in society. Such individuals achieve significant success in education, arts, and creative fields. This yoga bestows familial happiness, progeny bliss, and social prestige upon the person. Individuals with Kuldeepak Yoga glorify their family and society through their actions.
जिस भी जातक की कुंड़ली में यह योग बनता है वह जातक अपने पूरे परिवार का नाम रोशन करता है। साथ ही इस तरह का व्यक्ति अपने पूरे परिवार के लिए बहुत प्रिय होता है। इसी के साथ जिन जातकों की कुंडली में कुलदीपक योग होता है, वह जातक अपने परिवार की सारी जिम्मेदारियों का भार उठाते हैं। आपको बता दें कि किसी भी जातक की कुंडली में कुलदीपक योग मंगल ग्रह के कारण बनता है। इस योग को बनाने में मंगल ग्रह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बता दें कि यदि किसी जातक की कुंडली में लग्न में बुध ग्रह हो और केंद्र में गुरु हो तथा 10वें स्थान पर मंगल विराजमान होता है, तो कुलदीपक योग बनता है।
कुलदीपक योग का फल
जब किसी जातक की कुंडली में कुलदीपक योग बनता है, तो उस जातक को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। बता दें कि इस योग में पैदा लोग अपने जीवन में काफी सफलता पाते हैं। साथ ही यह जातक अपने पूरे परिवार का भी नाम रोशन करते हैं। इतना ही नहीं यह लोग अपने पूरे परिवार के काफी प्रिय होते हैं इन्हें कुल का दीपक भी कहा जाता है। इसी के साथ जिस भी जातक की कुंडली में यह योग बनता है वह जातक अपने पूरे परिवार की सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाता है। साथ ही यह लोग अपने परिवार और समाज के लिए भी काफी कुछ करते हैं। समाज में इन लोगों का काफी मान-सम्मान किया जाता है। और इस योग के जातक की कुंडली में बनने से जातक को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं, जो जातक के जीवन के लिए बहुत ही अच्छे साबित होते हैं।