ज्योतिष के मूल सिद्धांत (सूक्ष्म विश्लेषण )
*******रहस्यमई ग्रह केतु ******(मंदिर का ध्वजा भी और पेड़ की जड़ भी )
केतु को दरार कहा गया है, यह संबंध को खत्म कर देता है। घर में भी अगर दरार पड़ जाए तो यह मान लेना चाहिए कि घर में केतु का प्रभाव है। घर का बंटवारा, संबंधों में दरार, यह सब केतु का काम है जबकि राहु किसी नतीजे तक नहीं पहुंचने देता, भ्रमित करके दुविधा में ही रखता है।
जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राहु बलवान है तो वह छिपे रहस्यों की तह तक पहुंच पाने भी सफल हो जाता है। गुप्त बातों को जानने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। अगर आपके पीठ-पीछे बोलने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, लोग आपसे बातें छिपाने लगे हैं तो यह सब राहु की वजह से ही होता है। जीवन में घटित होने वाली किसी भी आकस्मिक घटना के लिए राहु ही जिम्मेदार होता है
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In astrology, Ketu is often described as a "crack" that causes separation and disruption in relationships. Cracks in the home can also indicate Ketu's influence, leading to divisions and family conflicts. Ketu causes rifts and divisions in relationships, while Rahu creates confusion and uncertainty, making it difficult for individuals to reach conclusions. To learn more, consult Astro Bhagyaraj Gupt.