चंद्रमा का तीसरे भाव में महत्व: तीसरा भाव भाई-बहनों, संचार और छोटी यात्राओं का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा के इस भाव में होने से माँ, बहन और बेटी के बीच भावनात्मक संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।
संभावित समस्याएं: तीसरे भाव में चंद्रमा होने से माँ-बेटी के रिश्ते में तनाव, बहनों के बीच मतभेद, और बेटी के ससुराल में समस्याएं हो सकती हैं।
कारण: चंद्रमा के कमजोर होने या अन्य ग्रहों के साथ अशुभ योग बनने के कारण ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
उपाय: ज्योतिषीय उपचारों के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। जैसे कि मंत्र जाप, रत्न धारण, दान आदि।