पुराने समय में लोग ज्योतिष शास्त्र में आज जितना विश्वास करते थे, उतना नहीं करते थे। फिर भी, वे त्योहारों, तिथियों और नक्षत्रों के अनुसार अपने सभी कार्य करते थे। आज जो हम उपाय के रूप में जानते हैं, वे उस समय आम जीवन का हिस्सा थे।
इनमें से एक प्रमुख रिवाज था शनिवार को तेल जलाना। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। शनि देव को तेल प्रिय है और काला कौआ उनका वाहन है। यह मान्यता है कि शनिवार को तेल जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति पर आने वाले संकटों को दूर करते हैं।
इसका ज्योतिषीय आधार क्या है?
शनि का स्वभाव: शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है और इसे न्याय का देवता कहा जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देता है।
तेल का महत्व: तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि तेल जलाने से शनि देव की शांति होती है और व्यक्ति पर उनके प्रकोप का प्रभाव कम होता है।
काले कौए का संबंध: काले कौए को शनि देव का वाहन माना जाता है। काले रंग को शनि का रंग माना जाता है। इसलिए, काले कौए को भी शनि से जोड़ा जाता है।