ज्योतिष में केतु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जिसका अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। राहु के साथ केतु हमेशा युग्म में रहता है और दोनों एक दूसरे से 180 डिग्री पर स्थित होते हैं।
केतु के प्रभाव:
अध्यात्म: केतु को मोक्ष, वैराग्य और आध्यात्मिकता का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति को सांसारिक मोह-माया से दूर ले जाकर आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
अंतर्ज्ञान: केतु व्यक्ति की अंतर्ज्ञान शक्ति को बढ़ाता है। ऐसे व्यक्ति बहुत ही संवेदनशील और चीजों को पहले से भांप लेने वाले होते हैं।
रहस्यमयी स्वभाव: केतु व्यक्ति को रहस्यमयी और खोजी स्वभाव का बनाता है। ऐसे व्यक्ति गुप्त विद्याओं, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र आदि में रुचि रखते हैं।
अकेलापन: केतु व्यक्ति को अकेलापन पसंद करने वाला बनाता है। ऐसे व्यक्ति समाज से दूर रहकर अपने विचारों में खोए रहते हैं।
स्वास्थ्य: केतु व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। उन्हें अचानक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, या वे किसी अज्ञात बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।