ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। जब राहु सप्तम भाव में गोचर करता है, तो यह कुछ विशेष परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है। सप्तम भाव विवाह, साझेदारी, और सार्वजनिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।

सप्तम भाव में राहु के प्रभाव:

विवाह: सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति वैवाहिक जीवन में कुछ चुनौतियां ला सकती है। जीवनसाथी के साथ मतभेद, गलतफहमी, या अलगाव की संभावना हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में, यह एक अप्रत्याशित विवाह या विदेशी मूल के जीवनसाथी का संकेत भी दे सकता है।
साझेदारी: व्यवसाय या अन्य प्रकार की साझेदारी में राहु कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है। विश्वासघात, धोखे, या कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, साझेदारी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
सार्वजनिक जीवन: राहु व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में लोकप्रिय बना सकता है, लेकिन उन्हें अपने संबंधों में सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ लोगों के साथ विवाद या टकराव की संभावना हो सकती है।
स्वास्थ्य: राहु व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं, त्वचा रोग, या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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