चंद्र ग्रहण ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। यह तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। कुंडली में चंद्रमा मन, भावनाओं और मातृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, चंद्र ग्रहण का व्यक्ति के मनोदशा, भावनात्मक स्थिरता और पारिवारिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
कुंडली में चंद्र ग्रहण के प्रभाव को समझने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
चंद्रमा की स्थिति: कुंडली में चंद्रमा जिस भाव में स्थित है, उस भाव से संबंधित क्षेत्रों में चंद्र ग्रहण का प्रभाव अधिक होगा। उदाहरण के लिए, यदि चंद्रमा दूसरे भाव में है, तो आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।
चंद्रमा की राशि: चंद्रमा जिस राशि में स्थित है, उस राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव अधिक