राहु के बारहवें भाव में होने का प्रभाव:
अंतर्मुखता: राहु के बारहवें भाव में होने पर व्यक्ति अक्सर अंतर्मुखी हो जाता है और अकेले रहना पसंद करता है।
धार्मिक रुझान: राहु के प्रभाव में व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित हो सकता है।
कल्पनाशीलता: राहु व्यक्ति को बहुत ही कल्पनाशील बना सकता है।
अनजाने डर: राहु के कारण व्यक्ति को अक्सर अज्ञात चीजों से डर लग सकता है।
राहु के बारहवें भाव में होने पर क्या करना चाहिए:
सामाजिक जीवन: राहु के प्रभाव में आकर व्यक्ति को अकेला नहीं रहना चाहिए। उसे लोगों के साथ मिलना-जुलना चाहिए और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।
ध्यान और योग: ध्यान और योग करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच रखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
ज्योतिषी से परामर्श: किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर राहु के प्रभाव को कम करने के उपाय किए जा सकते हैं।