नैसर्गिक मैट्रिक चक्र 12 राशियों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक राशि एक विशिष्ट राशि चक्र चिह्न का प्रतिनिधित्व करती है। ये राशियाँ मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं। प्रत्येक राशि चक्र चिह्न एक विशिष्ट तत्व (अग्नि, पृथ्वी, वायु या जल) और एक विशिष्ट स्वामी ग्रह से जुड़ा होता है।
नैसर्गिक मैट्रिक चक्र का उपयोग किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वभाव, और जीवन की घटनाओं के बारे में जानने के लिए किया जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। नैसर्गिक मैट्रिक चक्र की सहायता से, ज्योतिषी किसी व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण करके उसके भविष्य के बारे में भविष्यवाणी कर सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष एक जटिल विज्ञान है और नैसर्गिक मैट्रिक चक्र का विश्लेषण करने के लिए विशेष ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है।