ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु ग्रह को छाया ग्रह माना गया है। केतु ग्रह को अशुभ ग्रह माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, उस व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केतु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपाय बताए गए हैं।
तीसरे भाव में केतु और दक्षिण मुखी घर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के तीसरे भाव में केतु ग्रह स्थित है और उस व्यक्ति का घर दक्षिण मुखी है, तो उस व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तीसरे भाव में केतु ग्रह व्यक्ति के साहस और आत्मविश्वास को कम करता है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के रिश्तों में भी तनाव पैदा कर सकता है। दक्षिण मुखी घर भी वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण मुखी घर में रहने से व्यक्ति को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उपाय
केतु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए, व्यक्ति को केतु ग्रह के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
व्यक्ति को केतु ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।
व्यक्ति को अपने घर में वास्तु दोषों को दूर करने के लिए उपाय करने चाहिए।
यहाँ केतु ग्रह को शांत करने के कुछ उपाय दिए गए हैं:
केतु ग्रह के मंत्रों का जाप करें: "ॐ कें केतवे नमः"
केतु ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें: तिल, काले कपड़े, कंबल, आदि।
अपने घर में वास्तु दोषों को दूर करने के लिए उपाय करें: घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें, घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाएं, आदि।
गणेश जी की पूजा करें: गणेश जी को केतु ग्रह का अधिपति देवता माना जाता है।
हनुमान जी की पूजा करें: हनुमान जी को भी केतु ग्रह का अधिपति देवता माना जाता है।