Ganga Saptami
गंगा सप्तमी:
ज्योतिषी भाग्यराज गुप्त की ओर से गंगा सप्तमी की हार्दिक शुभकामनाएँ| सर्वार्थ सिद्धि योग में आज करें गंगा सप्तमी का पूजन, जानें शुभ मुहूर्त Maa Ganga Ki Utpatti Katha: आज गंगा सप्तमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग जैसे काफी शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र भी रहने वाला है, जिसके कारण इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। Ganga Saptami 2024: वैशाख शुक्ल की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लेकर मां गंगा से मनोवांछित वरदान प्राप्त किया जा सकता है. अगर गंगा घाट पर जाना न हो पाये तब घर पर ही गंगाजल डालकर माँ गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करें इस से पापों का नाश और पितृ दोष दूर करने के लिए भी गंगा सप्तमी पर विशेष उपाय किए जा सकते हैं. गंगा सप्तमी का त्योहार इस बार ज्यादा शुभ रहने वाला है. इस बार गंगा सप्तमी 14 मई यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन गंगा मैया के स्मरण, पूजन और स्नान से धन-सम्पत्ति, सुख और यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का नाश होता है। ज्योतिषीय धारणा के अनुसार इस दिन गंगा पूजन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। गंगा पूजन करना मोक्ष प्रदायक, अमोघ फलदायक माना गया है और इस दिन किया दान कई जन्मों के पुण्य के रूप में प्राणी को मिलता है। ऐसे करें मां गंगा की पूजा इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गंध व कुश लेकर गंगा सप्तमी व्रत का संकल्प लेना चाहिए। मां गंगा को धूप, दीप, पुष्प आदि नैवेद्य आदि अर्पित कर पूजा करनी चाहिए। श्रीगंगा स्तुति और श्रीगंगा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। विशेष रूप से इस दिन दान-पुण्य करना बहुत फलदायी माना गया है। इसके साथ ही गंगाजी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
Ganga Saptami:
Heartfelt wishes for Ganga Saptami from Astrologer Bhagyaraj Gupt. Ganga Saptami, also known as Jahnavi Saptami, is a significant festival in Hinduism. It is celebrated on the seventh day of the Shukla Paksha in the Vaishakha month. From an astrological perspective, this day symbolizes the descent of Maa Ganga to Earth and is considered highly sacred. Bathing in the Ganges River and worshipping Maa Ganga on this day is believed to liberate devotees from sins and lead to Moksha. This day is considered particularly auspicious for spiritual advancement and purification.