वैदिक ज्योतिष के अनुसार कंगाल और धनवान दोनों बनाता है राहु, जानें राहु की महादशा के फल और अचूक उपाय

Rahu Mahadasha: Effects, Remedies & Impact on Wealth

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार कंगाल और धनवान दोनों बनाता है राहु, जानें राहु की महादशा के फल और अचूक उपाय

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राहु से जुड़े कष्टों को दूर करने के उपाय

ज्योतिष के अनुसार राहु एक छाया ग्रह है, जो कि आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है. राहु की दृष्टि कुंडली के पंचम, सप्तम और नवम भाव पर पड़ती है. किसी जातक की कुंडली के जिन भावों पर राहु की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है, वे राहु की महादशा में प्रभावित होते हैं. राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है. वहीं राहु में राहु की अंतर्दशा का काल 2 वर्ष 8 माह और 12 दिन का होता है. राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा अत्यंत ही पीड़ादायक होती है. इसमें जातक को जीवन में बहुत सी बाधाओं और बदनामी का सामना करना पड़ता है. इस दौरान जातक को विष से खतरा बना रहता है. इससे बचने के लिए जातक को रविवार के दिन भगवान भैरव के मंदिर में मदिरा चढ़ाना चाहिए और तेल का दीपक जलाना चाहिए, लेकिन भूलकर भी भैरव देवता को चढ़ाई गई शराब को प्रसाद मानकर आप पीने की कोशिश करें.

 

राहु में बृहस्पति

राहु की महादशा की अंतर्दशा की यह अवधि दो वर्ष चार माह और 24 दिन की होती है. राहु और देवगुरु बृहस्पति का यह संयोग सुखदायी होता है. इस दौरान जातक की सेहत और विचार दोनों ही उत्तम होते हैं. उसका धार्मिक कार्यों में खूब मन लगता है. इस दौरान जातक को किसी किसी दिव्यांग छात्र की पढ़ाई या इलाज में मदद करनी चाहिए.

 

राहु में शनि

राहु में शनि की अंतरदशा 2 वर्ष 10 माह और 6 दिन की होती है. इस दौरान जातक के परिवार में कलह की स्थिति बनती है. नौकरी में या घर के नौकर से समस्याएं होती हैं. अचानक चोट या दुर्घटना के दुर्योग, कुसंगति आदि की आशंका होती है. इससे बचने के लिए जातक को प्रतिदिन भगवान शिव की शमी की पत्तियों से पूजन और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.


राहु में बुध

राहु की महादशा में बुध की अंतर्दशा की अवधि 2 वर्ष 3 माह और 6 दिन की होती है. इस दौरान जातक को धन और पुत्र की प्राप्ति के योग बनते हैं. साथ ही साथ व्यापार का विस्तार और मान, सम्मान यश और सुखों में वृद्धि होती है. इस दौरान जातक को गणपति की साधना आराधना करनी चाहिए और पक्षियों को हरी मूंग खिलाएं.

 

राहु में शुक्र

राहु की महादशा में शुक्र की प्रत्यंतर दशा पूरे तीन साल चलती है. इस दौरान जातक को दाम्पत्य सुख, वाहन और भूमि सुख की प्राप्ति होती है. इस अवधि में शुभ फल की प्राप्ति के लिए सांड को गुड़ या घास खिलाना चाहिए.

 

राहु में सूर्य

राहु की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा 10 माह 24 दिन की होती है. इस दौरान जातक को शत्रुओं से संकट, शस्त्र से घात, अग्नि और विष से हानि, आंखों में रोग, राज्य या शासन से भय, परिवार में कलह आदि का खतरा रहता है. इससे बचने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.

 

राहु में चंद्र

राहु में चंद्र की अंतरदशा एक वर्ष 6 माह की होती है. इस दौरान जातक को अत्यधिक मानसिक कष्ट होता है. जीवनसाथी से अनबन, तलाक और मृत्युतुल्य कष्ट मिलते हैं. इससे बचने के लिए माता अथवा माता की उम्र वाली महिलाओं का सम्मान और सेवा करना चाहिए. साथ ही साथ भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.

 

राहु में मंगल

राहु की महादशा में मंगल की अंतर्दशा का समय एक वर्ष 18 दिन का होता है. इस दौरान जातक को शासन अग्नि से भय बना रहता है. साथ ही साथ चोरी, अस्त्र शस्त्र से चोट, शारीरिक पीड़ा, गंभीर रोग की भी आशंका रहती है. इससे बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें प्रत्येक मंगलवार के दिन गुलाल चढ़ाएं.

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