Technique Of How To Balance 9th House The House Of Luck for All Ascendent

How to Balance the 9th House for All Ascendents

Technique
for All Ascendent Of How To Balance 9th House The House Of Luck 

जन्म कुंडली में नवाँ घर "भाग्य भाव" कितना महत्व रखता है!

अगर आपका भाग् साथ ना दे रहा तो करें ये उपाय शीघ्र मिलेंगे फल

भाग्य भाव के स्वामी को प्रसन् करके देखिए, भाग् देने लगेगा साथ

 आपकी कुंडली में आपका नवाँ घर "भाग्य भाव" कितना महत्व रखता है.

भाग्य को कैसे मजबूत करें ,अक्सर सभी लोगों के मन में यह सवाल आता है इसके लिए लोग उपाय पूजा ,पाठ करवाते रहते हैं, और खुद भी उपाय करते रहते हैं. लेकिन कुछ दिन उपाय करते हैं और कोई फायदा नहीं होने से छोड़ देते हैं. या यह कह सकते हैं कि उनको सही रास्ता नहीं मिल रहा है. किसी भी व्यक्ति के नवे घर भाग्य से जुड़ा होता है, और अगर व्यक्ति का भाग्य मजबूत है, तो सब कुछ हासिल कर लेता है. अगर आपका भाग्य मजबूत नहीं है तो अपने भाग्य को मजबूत करें. नवे भाव में जो राशि है उस राशि के स्वामी को मजबूत करें और उस ग्रह से संबंधित उपाय पूजा-पाठ अनुष्ठान करें या करवाएं फिर आपका भाग्य मजबूत होता है. भाग्य ही हमारा सब कुछ है, आप भी अपनी कुंडली और नवे घर में जो राशि है उस राशि के स्वामी ग्रह के उपाय आप शुरू कर देते हैं, तो आपका सोया हुआ भाग्य जाग जाएगा और आप भाग्य का लाभ ले पाएंगे.

 

भाग्य भाव के स्वामी होंगे गुरु हों तो

यदि आपका लग्न मेष या कर्क राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी होंगे गुरु होंगे, ऐसे लोगों की कुंडली में यदि गुरु की स्थिति प्रतिकूल होती है तो कई कोशिशें करने के बाद भी जीवन में अनुकूलता नहीं आती. ऐसे में भगवान विष्णु की आराधना करें और गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करके ऐसे लोगों को भाग्य का साथ मिलने लग जाता है। इसके अलावा गुरुवार को गाय को आलू में हल्दी लगाकर खिलाने से भी आपका भाग् साथ देने लगेगा।

 

भाग् भाव के स्वामी शनि हों तो

कुंडली में आपका लग्न यदि वृषभ या मिथुन राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी शनिदेव होंगे. ऐसे लोगों को भाग्य का साथ पाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ तले सरसों का दीपक जलाने से भी भाग्य का सहयोग आपको मिलने लगता है. कम से कम शनिवार के दिन आपको शनि स्तोत्र का कम से कम 11 बार पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार को आपको हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनिवार को आपको जरूरतमंदों को काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।

 

भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो

यदि आपका लग्न सिंह या मीन राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी मंगल होंगे. ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए. आपको मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है. लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है। मंगल को प्रसन् करने के लिए हर मंगलवार को मजदूरों को मिठाई खिलानी चाहिए। इसके साथ ही लाल मसूर की दाल का दान करें। मंगलवार को सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए. और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

 

भाग्य भाव के स्वामी शुक्र हों तो

यदि आपका लग्न कन्या या कुंभ राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी शुक्र होंगे. माता सरस्वती की पूजा करने से आपको लाभ मिल सकता है. इसके साथ ही शुक्र के बीज मंत्र द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का प्रतिदिन जप करने से भी भाग्य का साथ आपको मिल सकता है. आपको हर शुक्रवार को चावल का दान करना चाहिए। आपको हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.

 

भाग् भाव के स्वामी बुध हों तो

यदि आपकी लग्न राशि यदि तुला या मकर है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी बुध ग्रह होंगे. ऐसे लोगों को भाग्य के सहयोग के लिए तांबे का कड़ा धारण करने से लाभ मिल सकता है. इसके साथ ही प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाने से भी ऐसे लोगों को लाभ की प्राप्ति होती है. आपको भाग् का साथ प्राप् करने के लिए हर बुधवार को गणेशजी की उपासना करनी चाहिए.

 

भाग् भाव के स्वामी चंद्रमा हों तो

आपका लग्न यदि वृश्चिक राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी चंद्रमा देव होंगे. वृश्चिक लग्न वालों को उपाय के तौर पर भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए और चंद्र मंत्र ऊँ श्रां: श्रीं: श्रौं: सः चंद्रमसे नमः का यथा संभव जप करना चाहिए.

भाग् का साथ पाने के लिए हो सके तो आपको चांदी के गिलास में पानी पीना चाहिए. इसके साथ ही शिवजी की पूजा भी करनी चाहिए.

 

भाग् भाव के स्वामी सूर्य हों तो

यदि आपका लग्न धनु राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी सूर्य देव होंगे प्रतिदिन सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए और गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए. इसके अलावा आपको शुभ फल प्राप् करने के लिए आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा आपको शुभ फल प्राप् करने के लिए ऊँ खोल्काय नमःमंत्र का जप करना चाहिए।

इनका बहुत जबरदस्त महत्व है यह पूरे साल शक्ति प्रदान करते हैं. व्यापार वृद्धि और जीवन में प्रफुलता बनाए रखते हैं.

 

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